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Tuesday, June 15, 2010

पत्रकारिता की मदद करेगी अमेरिकी सरकार!

अमेरिकी सरकार अपने अखबारों (या कहें मीडिया) को मुश्किल से उबारने की योजना लाने पर विचार कर रही है। अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन तमाम प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल कर पत्रकारिता बिजनेस को ज्यादा लाभदायी बनाने के सुझाव एकत्र कर उनका विश्लेषण कर रहा है। पत्रकारिता के पुनार्विष्कार के तहत यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अब तक आए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं-


  • ·        आईपैड पर अतिरिक्त टैक्स लगाना
  • ·        न्यूज कंपनियों के लिए आनलाइन कंटेंट पेड बनाने की राह आसान करना
  • ·        युवा पत्रकारों के लिए अमेरिकार्प्स की तर्ज पर फंड स्थापित करना


इस साल के अंत तक कमीशन की विस्तृत रिपोर्ट आ जाने की उम्मीद है। न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, कमीशन निदेशक सुसान एस डिसैंटि ( इनके नेतृत्व में यह अध्ययन हो रहा है) का कहना है कि अमेरिका में खबरों का बिजनेस गंभीर संक्रमण काल से गुजर रहा है। कोई नहीं जानता कि कब यह दौर खत्म होगा और न ही कोई यह बता पाने की स्थिति में कि कब और कैसे यह संक्रमण की स्थिति खत्म होगी।

 

लेकिन अमेरिकी अखबार इसका पुरजोर विरोध ही नहीं कर रहे बल्कि सरकार के इस प्रयास का उपहास भी बना रहे हैं। वाशिंगटन टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि यदि सरकार पुराने बिजनेस माडल को बचाने के नाम पर इन्नोवेशंस को दबाने की साजिश रचेगी तो उपभोक्ता ही घाटे में रहने वाला है। एक मीडिया वाचडाग प्रकाशन चलाने वाले स्टीवेन ब्रिल कहते हैं कि पत्रकारों को इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए। सिटी यूनिवर्सिटी आफ न्यूयार्क के प्रो. जेफ जारविस कहते हैं कि पत्रकारिता का भविष्य सुरक्षित रखने के नाम पर सरकारी हस्तक्षेप कतई ठीक नहीं है। भविष्य इंस्टीट्यूशनल नहीं बल्कि उद्यमशीलता में है और उद्यमियों को इस तरह की सरकारी मदद की जरूरत नहीं हैं। 

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