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Sunday, August 15, 2010

लेबल संपादकीय कंटेंट के लिए

टामस्काट.काम पर बहुत ही सटीक लेबल मैने देखे संपादकीय कंटेंट के लिए। ये लेबल कंटेंट के साथ देने की हिम्मत शायद ही कोई संपादक कर पाए लेकिन ये लेवल सच्चाई के बहुत करीब हैं। अखबार में अधिकतर सामग्री की गुणवत्ता इन लेबलों से परिभाषित की जा सकती है। कुछ चुनिंदा लेबल अपने पाठकों के लिए हम यहां दे रहे हैं.....

अपने यहां के अधिकतर पत्रकारों इंटरव्यू सबसे आसान काम लगता है(जबकि यह सबसे कठिन काम है)। वे सुकई से लेकर ओबामा तक इंटरव्यू बहुत आसानी से कर सकते हैं। दलाई लामा से दो घंटे बात कर सकते हैं और स्टीफेन हाकिंग का इंटरव्यू शायद उनके लिए बाएं हाथ का खेल है। इसलिए ऐसे इंटरव्यू पर यह टैग मुफीद रहेगा।


सूचना और स्टोरी के बीच अंतर हम समझते ही नहीं और प्रेस रिलीज व सूचनाओं को भी हम स्टोरी में गिनते हैं।


आकड़ों से खोलने में हम माहिर हैं...कहीं से कुछ कुछ मिला....किसी ने कोई आकड़े बता दिए....नेट पर कहीं कोई सर्वे मिल गया....हो गई हमारी एक्सक्लूसिव।


विश्वस्त सूत्र तो हमारी पत्रकारिता का आधार हैं। हम अपनी एनालिसिस या दिमागी खिचड़ी को इन्ही विश्वस्त सूत्रों के सहारे पाठकों को परोसते रहते हैं। यह लेबल अगर ऐसे कंटेट पर लगा दिया जाए तो बेचारे पाठक मूर्ख बनने से शायद बच जाएं।


टीपू सुलतानों की तो हमारे यहां कमी ही नहीं है। कम पढ़े जाने वाले अखबार, वेबसाइट व पत्रिकाएं हमारे टीपू सुलतानों का प्रमुख अस्त्र हैं। स्टोरी तो हमारे कंप्यूटर में रेडीमेड पड़ी रहती है, संपादक ने आदेश किया नहीं कि तारीख व कुछ नाम बदलकर स्टोरी तैयार।



2 comments:

  1. shaandaar....kaayde mein har pathak ko apne ghar par ye label rakhne chaahiye aur inhe khabron par laga kar apni pratikriya akhbaaron ke daftar bhej deni chaahiye...kahan kahan se moti nikaal laate hain aap ...

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  2. वाकई ये लेबल शानदार है,जो थोड़ा ध्यान से देखें तो कहीं भी दिख जाते हैं।

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