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Sunday, July 4, 2010

Newspaper of the Future

1.) It will have fewer pages and be physically smaller (perhaps tabloid) in size.

2.) It will have longer articles that offer more in-depth reporting an analysis.

3.) It will be precisely targeted, either in terms of geographical area or interest.

4.) It will have a vivid voice, which will provoke reader reaction.

5.) It will be sleekly designed.

6.) It will have a web component that will complement, not duplicate its contents.

7.) It will either be free or more expensive than today's papers.


8.) It may not be on paper at all. It may be on some sort of portable device. Newspaper publishers have invested for years in flexible, e-paper displays that feel like newsprint but update like websites. None of the projects have come to fruition ... yet.

9.) Its readers may not be united by geography. They may be a community of interest or enthusiasm.

10.) It will shift and evolve rapidly, as its readers' needs shift and evolve.

2 comments:

  1. सर
    आपकी जानकारी वास्तव में बहुत ज्ञानवर्धक है। अच्छा लगता है यह जानकर। मैं इसमें थोड़ा और यह जानना चाहता हूूं विकसित देशों में पत्रकारिता किस तरह से हो रही है। मसलन वहां स्थानीय कवरेज के लिए क्या स्टाइल है। वहा के जर्नलिस्ट किस तरह के मुद्दे उठा रहे हैं। क्या वे हमारे परिवेश में भी उठाए जा सकते हैं। खबरों में उनकी प्रमुखता क्या है। भविष्य के न्यूजपेपर पर तो आपने बहुत अच्छा बताया। लेकिन वर्तमान में समाचार पत्र कैसा हो, और इसमें एक दम से क्या बदलाव किए जाने चाहिए कृपया इस पर भी रोशनी डालने का प्रयास करें तो ओर बेहतर और यूजफुल हो सकता है।

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  2. बात सही है, पर फिलहाल पश्चिम सापेक्ष है।

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